रीढ़ की हड्डी जयशंकर प्रसाद – प्रश्न-उत्तर class 9
1. रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद बात बात पर” एक हमारा जमाना था…..” अगर अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं। इस प्रकार की तुलना करना कहाँ तक तर्कसंगत है?
उत्तर: रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद बात बात पर “एक हमारा जमाना था…” कह कर जिन मापदंडों पर आज के समय की अपने समय से तुलना कर रहे हैं ,उस तरह की तुलना केवल एक पक्षीय है और अतर्कसंगत है। उन्हें उचित मानदंडों का उपयोग करना चाहिए एवं आज के समय में हुई तरक्की को भी अपने समय से तुलना करनी चाहिए, एवं एक निष्पक्ष तुलना के माध्यम से आज के समय में और उनके समय के अंतर को स्पष्ट करना चाहिए।
2. रामस्वरूप का अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और व्यवहार के लिए छिपाना यह विरोधाभास उनकी किस विवशता को उजागर करता है?
उत्तर: रामस्वरूप जिस प्रकार से अपनी बेटी की उच्च शिक्षा को छुपा रहे हैं ,वह यह प्रदर्शित करता है कि वह किस प्रकार से रूढ़िवादी विचार धाराओं के सामने विवश हैं। यह उनकी समाज में फैली अवधारणाओं के प्रति विवशता को प्रदर्शित करता है।
3. अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं,वह उचित क्यों नहीं है?
उत्तर: रामस्वरूप अपनी पुत्री से उसके उचित उच्च शिक्षा वाले आचरण को छोड़कर वह आचरण करने की मांग कर रहे हैं जो कि एक शिक्षित महिला के लिए उचित नहीं है।वह चाहते हैं कि उनकी पुत्री समाज में पुरुष वर्चस्व को स्वीकार करें और उन्हीं के अनुसार व्यवहार करे।जबकि विधि के समक्ष सभी समान है, सब के अधिकार समान हैं कोई किसी से उसकी आशा एवं उच्च शिक्षा की अभिलाषा को नहीं छीन सकता है।इस प्रकार रामस्वरूप कि यह अपेक्षा उचित नहीं है।
4. गोपाल प्रसाद विभाग को ‘बिजनेस’मानते हैं और रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा को छिपाते हैं। क्या उत्तर -आप मानते हैं कि दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं अपने विचार लिखें।
उत्तर: गोपाल प्रसाद की विवाह को बिजनेस मानने वाली सोच बहुत ही तुच्छ यह विवाह के संबंध की मधुरता था तथा गरिमा को कम करती है।यह उनकी समाज में व्याप्त कुरीति दहेज प्रथा के प्रति उनके विचारों को भी प्रदर्शित करती है। वहीं दूसरी ओर रामस्वरूप भी समान रूप से अपराधी है,क्योंकि वह भी अपनी पुत्री को इस पुरुष प्रधान समाज से लड़ने में कोई सहायता नहीं दे रहे हैं ,बल्कि वह तो चाहते हैं कि वह इसे स्वीकार करें अपनी उच्च शिक्षा को छुपाए।
5.”…आपके लाडले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है…”या नहीं उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करना चाहती है?
उत्तर: इस कथन के माध्यम से उमा शंकर के निम्न कमियों की ओर इशारा करना चाहती है: क)शंकर का चरित्र अच्छा नहीं है वह लड़कियों के हॉस्टल में कई बार चक्कर काटते हुए पकड़ा गया है। ख) शंकर तो खुद का कोई वजूद नहीं है, वह केवल अपने पिता की ही सुनता है और उन्हीं के अनुसार कार्य करता है। ग) शंकर नौजवान होने के बावजूद भी सीधे से बैठ नहीं सकता यह कथन उसकी सारी कमजोरी की ओर भी संकेत करता है।
6. शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की समाज को कैसे व्यक्तित्व की जरूरत है?तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर: समाज को उमा जैसे व्यक्तित्व की आवश्यकता है जो स्पष्टवादी हो एवं उत्तम चरित्रवान हो। जो अपने माता- पिता एवं अपने स्वाभिमान के लिए आवाज उठा सकें। इस प्रकार के चरित्र वाले व्यक्ति ही समाज की जड़ता को समाप्त कर उसे एक नए चेतन की तरफ ले जा सकते हैं, उससे रूढ़िवादी धारणाओं को निकाल कर एक उत्तम समाज का निर्माण कर सकते हैं। दूसरी तरफ शंकर जैसे व्यक्तित्व के लोग पढ़े लिखे होने के बावजूद भी रूडीवादी धारणाओं को त्याग ते नहीं,ये समाज के विकास में एक अवरोध का काम करते हैं अतः इनकी उपयोगिता अधिक नहीं है।
7.’ रीढ़ की हड्डी’ शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: जिस प्रकार मनुष्य में रीड की हड्डी का महत्व है, उसी प्रकार समाज में लड़के और लड़कियों का महत्व है। यदि मानव शरीर में रीड की हड्डी का कोई भाग स्वस्थ ना हो तो मानव शरीर का खड़े रह पाना संभव नहीं है।उसी प्रकार यदि समाज की रीढ़ पुरुष और नारी में से यदि किसी एक का शोषण हो,उसे दबाया जाए,समान अधिकार न दिया जाए तो समाज का भी कल्याण असंभव है। अतः “रीड की हड्डी”पाठ का एक उपयुक्त शीर्षक है।
8. कथावस्तु के आधार पर किस एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों?
उत्तर: कथावस्तु के आधार पर मैं उमा को इस एकांकी का मुख्य पात्र मानता हूं क्योंकि उमा उमा को इस एकांकी में महिलाओं की प्रतिनिधि के रूप में दिखाया गया है। उसे एक ऐसी नायिका के रूप में प्रस्तुत किया गया है।जो स्पष्टवादी है, एवं स्वाभिमानी है। उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद भी उसके अंदर संस्कार हैं, और वह अपनी निंदा बर्दाश्त नहीं करती एवं अनुचित बात का विरोध करती है। जिस प्रकार सभी महिलाओं को होना चाहिए।
9. एकांकी के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएं बताइए।
उत्तर: रामस्वरूप एक ऐसे पिता हैं जो आधुनिक सोच रखते हैं एवं अपनी पुत्री को पढ़ाना चाहते हैं परंतु उसके व्यवहार में उसकी उच्च शिक्षा को छुपा रहे हैं जो उनकी कायरता एवं विवशता को प्रदर्शित करता है। गोपाल प्रसाद एक रूढ़िवादी व्यक्ति हैं ,जो पुरुष और नारी की समानता में विश्वास नहीं रखते।विवाह को केवल एक बिजनेस मानते हैं ,एवं नारी शिक्षा को उचित नहीं समझते।यह उनकी संकीर्ण एवं रूढ़िवादी सोच को प्रदर्शित करता है।
10. एकांकी का क्या उद्देश्य क्या है?लिखिए।
उत्तर: इस एकांकी में कई उद्देश्य सम्मिलित हैं:
क) समाज में नारी शिक्षा के विरोध वाले विचारों को उजागर कर समाज को जागरूक करना। ख) समाज में दहेज प्रथा के विषय में जागरूकता फैलाना एवं इसका विरोध करना। ग) समाज में स्त्री पुरुष की समानता वाले विचारों को फैलाना। घ) स्त्रियों को भी पुरुषों के समान अधिकार देने की मांग।
11. समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु आप कौन-कौन से प्रयास कर सकते हैं?
उत्तर: समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु हमने निम्न प्रयास कर सकते हैं: क) महिलाओं को शिक्षित करने के लिए एक अभियान चलाना एवं जगह-जगह पर महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए विद्यालयों को खोलकर। ख) लोगों में जागरूकता लाकर उन्हें यह बताना के ईश्वर के लिए एवं विधि के समक्ष सभी लोग समान है अतः नारियों को भी पुरुषों के समान अधिकार होने चाहिए। ग) लोगों को बताना कि दहेज प्रथा की कितनी हानियां हैं और यह कुरीति किस तरह समाज को बर्बाद कर रही है। घ) महिलाओं को उचित सम्मान दिलाने हेतु उन्हें भी उचित रोजगार दिलाकर। गृहकार्य को भी एक रोजगार के रूप में प्रस्तुत कर कर।
12.’रीढ़ की हड्डी’ शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: यह शीर्षक एकांकी की भावना को व्यक्त करने के लिए बिल्कुल सही है। इस शीर्षक में समाज की सड़ी-गली मानसिकता को व्यक्त किया गया है तथा उस पर प्रहार किया है क्योंकि रीढ़ शरीर का मुख्य हिस्सा होता है, वही उसको सीधा रखने में मदद करता है। उसमें लचीलापन होता है, जो शरीर को मुड़ने, बैठने, झुकने कूदने में मदद करता है। इस लचीलेपन के कारण ही शरीर हर कार्य करने में सक्षम है। व्यायाम के माध्यम से रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बनाए रखते हैं। उसी तरह समय के अनुसार पुरानी रीतियों और परंपराओं का बदलना आवश्यक है। यह समय की माँग होती है। जब यह रीतियाँ या परंपराएँ मनुष्य के हित के स्थान पर उसका अहित करने लगे, तो वे विकार बन जाती हैं। यह एंकाकी समाज में व्याप्त इन विकारों पर कटाक्ष करता है। हमारा समाज इन मानसिकताओं का गुलाम बनकर बिना रीढ़ वाला शरीर हो जाता है। दूसरी तरफ़ यहाँ शंकर जैसे लड़कों से भी यही तात्पर्य है बिना रीढ़ का। इस प्रकार के लड़कों का अपना कोई व्यक्तित्व नहीं होता और न ही इनका कोई चरित्र होता है। ये सारी उम्र दूसरों के इशारों पर ही चलते हैं। ये लोग समाज के ऊपर सिवाए बोझ के कुछ नहीं होते। इसलिए उमा ने इसे बिना रीढ़ की हड्डी वाला कहा है।
13. जयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसाद (1889-1937) हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि, नाटककार और उपन्यासकार थे। वे छायावादी आंदोलन के चार स्तंभों में से एक माने जाते हैं। उनकी रचनाओं में राष्ट्रप्रेम, सांस्कृतिक गौरव और मानवीय संवेदनाओं का प्रभावशाली चित्रण मिलता है। “कामायनी,” “आंसू,” और “स्कंदगुप्त” उनकी प्रसिद्ध कृतियों में शामिल हैं। उन्होंने हिंदी साहित्य को नई दिशा दी और भारतीय समाज की रूढ़िवादिता को चुनौती दी, विशेष रूप से नारी स्वतंत्रता पर बल दिया है।
अन्य प्रश्न अभ्यास
- 1.रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद अपने समय की तुलना आज के समय से क्यों करते हैं?
- 2.रामस्वरूप ने अपनी बेटी की उच्च शिक्षा को छिपाने की जरूरत क्यों महसूस की?
- 3.रामस्वरूप की बेटी उमा से वे कौन सी अपेक्षाएँ रखते हैं जो उचित नहीं हैं?
- 4.गोपाल प्रसाद द्वारा विवाह को ‘बिजनेस’ मानने का क्या अर्थ है?
- 5.उमा के कथन “…आपके लाडले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है…” का क्या तात्पर्य है?
- 6.समाज को उमा जैसे व्यक्तित्व की आवश्यकता क्यों है?
- 7.”रीढ़ की हड्डी” शीर्षक का क्या महत्व है?
- 8.क्या रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद दोनों ही अपराधी हैं?
- 9.रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा को छिपाकर कौन सी सामाजिक धारणाओं के सामने विवश हैं?
- 10.उमा शंकर की किन कमजोरियों की ओर इशारा करती है?
- 11.क्या रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद के विचार उनके समय की सामाजिक सोच को दर्शाते हैं?
- 12.विवाह को ‘बिजनेस’ मानने की सोच समाज में कौन-कौन सी कुरीतियों को उजागर करती है?
- 13.शंकर जैसे युवाओं के व्यवहार से समाज को क्या नुकसान होता है?
- 14.उमा और शंकर के व्यक्तित्व में क्या अंतर है, और यह समाज के लिए कैसे महत्वपूर्ण है?
- 15.क्या रामस्वरूप का अपनी बेटी को झुकने की अपेक्षा करना समाज में स्त्री-पुरुष समानता का उल्लंघन नहीं है?
- 16.क्या आज के समाज में भी विवाह को एक ‘बिजनेस’ के रूप में देखा जाता है?
- 17.जयशंकर प्रसाद को हिंदी साहित्य के किन प्रमुख विधाओं के लिए जाना जाता है?
- 18.जयशंकर प्रसाद की लेखन शैली में प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- 19.जयशंकर प्रसाद की अन्य प्रमुख रचनाओं का उल्लेख करें।
- 20.जयशंकर प्रसाद ने अपने साहित्यिक जीवन में समाज की किन समस्याओं को उजागर किया है?
- 21.”रीढ़ की हड्डी” कहानी में जयशंकर प्रसाद के विचारों का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- 22.जयशंकर प्रसाद का हिंदी साहित्य में योगदान क्या है, और उन्हें किस साहित्यिक आंदोलन से जोड़ा जाता है?
- 23.”रीढ़ की हड्डी” कहानी में जयशंकर प्रसाद ने किस प्रकार रूढ़िवादिता और प्रगति के बीच के टकराव को चित्रित किया है?
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